कौशांबी. उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिला जेल के इतिहास में बुधवार को एक नया अध्याय जुड़ गया. जेल में सजा काट रहे 2 मुल्जिम आपस में रिश्तेदार बन गए. दोनों ने जेल में रहते हुए अपने बेटे-बेटी की शादी तय कर दी. जिसके बाद शासन ने उन्हें पैरोल पर भेजकर इस अनोखे रिश्ते की सभी रस्मों को पूरा कराया गया.

दरअसल, पिपरी थाना क्षेत्र के कटहुला गांव के रहने वाले पिता-पुत्र सुमित सिंह व धारा सिंह कई साल पहले हुए एक हत्याकांड में मुल्जिम बने थे. इस मामले में अदालत ने पिता-पुत्र को 10 साल की सजा सुनाई. जिसके बाद से वह जेल में सज़ा काट रहे हैं. जेल में ही धारा सिंह की मुलाकात सराय अकिल थाना क्षेत्र के अतरसुइया गांव के रहने वाले अर्जुन सिंह यादव से हुई. अर्जुन सिंह भी गांव में हुई एक हत्या के मामले में अदालत से आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. हत्या के दोनों मुल्जिमों के बीच जेल में एक साथ उठाना-बैठना दोस्ती में तब्दील हो गई. धीरे-धीरे दोनों उम्र के आखिरी पड़ाव की तरफ बढ़ रहे थे. बच्चे के शादी की चिंता से ग्रसित धारा सिंह व अर्जुन सिंह ने जेल में ही अपने बच्चों का आपस में रिश्ता तय कर दिया.

धारा सिंह का बेटा सुमित सिंह भी जेल में सजा काट रहा था. जिसकी सजा का समय पूरा हो गया था. वह जल्द ही जेल से रिहा हो गया. लिहाजा अर्जुन सिंह को वह अपनी बेटी के लिए योग्य वर लगा. धीरे-धीरे जेल की दोस्ती अर्जुन सिंह व धारा सिंह के परिवार के लिए रिश्ते में बदल गई. बुधवार को जेल से अर्जुन व धारा सिंह को बेटे-बेटी की विवाह केरस्मों को निभाने के लिए पैरोल पर छोड़ा गया. बुधवार की शाम धारा सिंह का बेटा सुमित अर्जुन सिंह के घर उनकी बेटी से विवाह करने के लिए बारात लेकर पहुंचा। विवाह की रस्में निभाने के लिए पुलिस अर्जुन सिंह एवं धारा सिंह को लेकर घर पहुंची है. प्रभारी जेलर भूपेश सिंह ने बताया, शासन से स्वीकृत पैरोल आदेश के क्रम में मुल्जिमान को छोड़ा गया है. अर्जुन सिंह को 21 दिन की पैरोल दी गई है, जबकि धारा सिंह को 4 दिन की पैरोल पर छोड़ा गया है. विवाह की रस्में निभाने के क्रम में पैरोल स्वीकृत हुआ है.

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