नयी दिल्ली : एयर इंडिया कमर्शियल पायलट एसोसिएशन ने पायलटों की सेवा के प्रस्तावित नियमों और शर्तों में बदलाव का विरोध करते हुए अपने एचआर को कानूनी नोटिस भेजा है। इस नोटिस में कहा गया है कि सेवा शर्तों में जिस तरह का संशोधन किया गया है वह अवैध है। एसोसिएशन के सदस्य 16 और 17 अप्रैल को एयर इंडिया की एचआर टीम की तरफ से भेजे गए मेल पाकर आश्चर्य चकित रह गए।

सीनियर कमांडर को मिली प्रबंधन की भी जिम्मेदारी

एयर इंडिया में 4 साल से कमांडर के तौर पर काम कर रहे पायलटों को भेज गए मेल में कहा गया-बधाई हो ! आपको सीनियर कमांडर के तौर पर प्रमोट किया जाता है जो कि एक एग्जक्यूटिव रोल है।अधिवक्ता भरत गुप्ता के माध्यम से कमर्शियल पायलट एसोसिएशन ने जो कानूनी नोटिस भेजा है उसमें कहा गया है कि एक सीनियर कमांडर के तौर पर काम करने के साथ ही पायलट उड़ान के प्रबंधन के कामों को पूरा करने के लिए जिम्मेदार होंगे और मासिक मैनेजमेंट अलाउंस के पात्र होंगे।

कानूनी नोटिस में सेवा शर्तों में बदलाव को अवैध बताया

इस ईमेल के साथ संशोधित रोजगार शर्तों के साथ मुआवजे का डिटेल्स भी संलग्न था और पायलटों को सूचित किया गया था कि वे इन शर्तों को ध्यान से पढ़ें औ 24 अप्रैल 2023 तक उस पर ई-साइन कर दें। साथ ही यह भी कहा गया था कि ईमेल की बातें गोपनीय हैं और इसे कहीं सर्कुलेट नहीं करना चाहिए। कानूनी नोटिस में कहा गया है कि सेवा शर्तों और नियमों को लेकर इस तरह की कार्रवाई अन्यायपूर्ण और डरानेवाली तो है ही साथ ही यह अवैध भी है।

कानूनी नोटिस में कहा गया कि औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 9ए और उसके तहत पायलटों की किसी भी मौजूदा सेवा शर्तों में एकतरफा बदलाव बिना नोटिस जारिए किए नहीं किया जा सकता।

जानें एयर इंडिया का जवाब

एयर इंडिया ने कहा कि हाल में पायलटों और केबिन क्रू के लिए नया सैलरी स्ट्रक्टर विभिन्न समूहों के बीच समानता लाने, उत्पादकता को प्रोत्साहित करने की एक कोशिश है। एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट व्यक्तिगत रूप से भेजे गए थे और बड़ी संख्या में संबंधित लोगों ने इसे मंजूर कर लिया है।

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