हल्द्वानी के बनभूलपुरा में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान उत्तराखण्ड सरकार और रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट से मामले में समाधान निकालने के लिए समय मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने आठ हफ्ते का समय दिया है। वहीं, अब मामले की सुनवाई दो मई को होगी।

बता दें कि बीते पांच जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने बनभूलपुरा में 4000 से ज्यादा घरों पर चलने वाले बुलडोजर पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तराखंड सरकार और रेलवे को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। मामले की सुनवाई सात फरवरी को तय की गई थी।

ये है पूरा मामला

2013 में एक जनहित याचिका में कहा गया कि रेलवे स्टेशन के पास गौला नदी में अवैध खनन हो रहा है। याचिका में कहा गया कि अवैध खनन की वजह से ही 2004 में नदी पर बना पुल गिर गया। याचिका पर कोर्ट ने रेलवे से जवाब मांगा। रेलवे ने 1959 का नोटिफिकेशन, 1971 का रेवेन्यू रिकॉर्ड और 2017 का लैंड सर्वे दिखाकर कहा कि यह जमीन रेलवे की है इस पर अतिक्रमण किया गया है। हाईकोर्ट में यह साबित हो गया कि जमीन रेलवे की है। इसके बाद ही लोगों को जमीन खाली करने का नोटिस दिया गया। लोगों ने जमीन खाली करने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से इन लोगों का भी पक्ष सुनने को कहा। लंबी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने इस इलाके में अतिक्रमण की बात मानी। बीते 20 दिसंबर को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे भूमि से अतिक्रमण की बात मानते हुए इसे हटाने का आदेश दे दिया। इस बीच दो जनवरी को प्रभावितों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी थी।

अतिक्रमण हटाने को लेकर कब क्या हुआ – 

– हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर को रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे।
– 28 दिसंबर को रेलवे-प्रशासन की टीम पिलरबंदी करने पहुंची तो बनभूलपुरा के हजारों लोगों ने 10 घंटे सड़क पर बैठकर शांतिपूर्ण आंदोलन किया।
– 29 दिसंबर को बनभूलपुरा क्षेत्र की हजारों महिलाओं ने कैंडल मार्च निकाला।
– 29 दिसंबर को जिला प्रशासन ने पुलिस फोर्स को रोकने के लिए व्यवस्था का जायजा लिया।
– 30 दिसंबर को बनभूलपुरा क्षेत्र में आमसभा हुई।
– 31 दिसंबर को रेलवे ने अखबारों में अतिक्रमण हटाने का सार्वजनिक नोटिस जारी किया।
– दो जनवरी को रेलवे ने मुनादी शुरू की।
– दो जनवरी को बनभूलपुरा मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई।
– तीन से पांच जनवरी तक बनभूलपुरा में दुआओं का दौर चलता रहा।
– पांच जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दे दिया और अगली तिथि सात फरवरी लगा दी।

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