लखनऊ: नियुक्ति की मांग कर रहे बेरोजगार होम्योपैथी फार्मासिस्ट शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंच गये. हाथों में यूपी बेरोजगार फाइल्स के प्लेकार्ड लिये फार्मासिस्ट जैसे ही मुख्यमंत्री आवास के पांच कालीदास मार्ग स्थित मेन गेट पर पहुंचे वहां हड़कंप मच गया. मौके पर तैनात पुलिस को उम्मीद नहीं थी कि बेरोजगार होम्योपैथी फार्मासिस्ट आवास पर पहुंचने की कोशिश करेंगे. अचानक बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को देखकर पुलिस ने सभी को गेट के पास ही रोक लिया. वहीं से सभी को हिरासत में लेकर ईको गार्डन छोड़ा गया.

चार साल से नियुक्त की कर रहे मांग

बेरोजगार होम्योपैथी फार्मासिस्ट चार साल से नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. फार्मासिस्टों का आरोप है कि हाईकोर्ट के आदेश बाद भी यूपीएसएससी चयनित फार्मासिस्टों की सूची होम्योपैथी विभाग को नहीं भेज रहा है. अपनी मांगों को लेकर फार्मासिस्टों ने गुरुवार से ईको गार्डन में आमरण अनशन शुरू किया था. जब शासन-प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली तो शुक्रवार को सभी फार्मासिस्ट विधान भवन के सामने विरोध प्रदर्शन करने पहुंच गये थे. लेकिन यहां भी पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और ईको गार्डन में छोड़ दिया.

सीएम आवास के गेट पर मचा हड़कंप

शनिवार को यही बेरोजगार फार्मासिस्ट अचानक मुख्यमंत्री आवास के मुख्य गेट पर पहुंच गये. नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन करता देखकर वहां मौजूद पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा दी और अभ्यर्थियों को खदेड़ने की कोशिश की. विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस बल ने फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों को किसी भी मंत्री, उच्च अधिकारी से या किसी सक्षम अधिकारी से मिलने नहीं दिया. नारेबाजी के बीच पुलिस ने सभी फार्मासिस्टों को हिरासत में ले लिया और बस में बैठाकर इको गार्डन वापस भेज दिया.

बेरोजगार युवाओं को हिरासत में लेना उचित नहीं: सुनील यादव

बेरोजगार फार्मासिस्टों के समर्थन में आये फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि जबरिया हिरासत में लेना और बल प्रयोग करना लोकतंत्र में उचित नहीं कहा जा सकता है. अच्छा होता कि प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर उनकी मांग के अनुरूप अधिकारियों से मिलवा दिया जाता. उन्होंने अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (यूपीएसएससी) के अध्यक्ष से अनुरोध किया कि न्यायालय में प्रभावी पैरवी करने के लिये अपने अधिकारियों को निर्देशित करें. जिससे फार्मेसी स्टोर की नियुक्तियां की जा सके. यदि इसमें देरी होती है तो कोर्ट की मंशा के अनुरूप जिन पदों पर स्टे नहीं है उन पर नियुक्तियां की जा सकती हैं.

कोर्ट में केस निस्तारण के लिये प्रभावी पैरवी हो

बेरोजगार होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों की मांग है कि आयोग और शासन की ओर से ईडब्ल्यूएस केस निस्तारण के लिए नियुक्त महाधिवक्ता / अपर महाधिवक्ता एवं मुख्य अधिवक्ता केस की सुनवाई के दौरान न्यायालय में उपस्थित हों. वहां फार्मासिस्ट भर्ती को कोर्ट के समस्त वाद-विवादों से मुक्त कराते हुए नियुक्ति प्रक्रिया जल्द से जल्द अग्रेषित करें. जिससे समस्त चयनित अभ्यर्थी अपने परिवार का उचित भरण पोषण कर सके.

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