पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार (22 जनवरी) को दिल्ली में पुलिस महानिदेशकों और महानिरीक्षकों के 57वें अखिल भारतीय सम्मेलन में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने पुलिस बल को और संवेदनशील बनाने और उन्हें आधुनिक तकनीकी का प्रशिक्षण देने का सुझाव दिया. प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने पुलिस महानिदेशकों की बैठक में कहा कि पैदल गश्त जैसी पारंपरिक पुलिसिंग व्यवस्था को और मजूबत बनाने की जरूरत है.

पीएम ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा व कानून व्यवस्था की समस्या से निपटने की रणनीति राज्य और जिला स्तर पर तैयार की जानी चाहिए. इस बैठक में प्रधानमंत्री ने अप्रचलित आपराधिक कानूनों को निरस्त करने, राज्यों में पुलिस संगठनों के लिए मानकों के निर्माण की अनुशंसा की. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने अधिकारियों के लगातार दौरे कर सीमा के साथ-साथ तटीय सुरक्षा को मजबूत करने पर चर्चा की. उन्होंने डेटा प्रवाह को आसान बनाने में नेशनल डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क के मूल्य पर जोर दिया.

“राज्य और जिला स्तर पर भी हो DGP-IGP सम्मेलन”

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पीएम मोदी ने जेल प्रशासन में सुधार के लिए जेल सुधारों का प्रस्ताव रखा. उन्होंने बार-बार आधिकारिक यात्राओं के माध्यम से सीमा और समुद्र तट की सुरक्षा बढ़ाने पर भी जोर दिया. प्रधानमंत्री ने उभरती चुनौतियों पर चर्चा करने और अपनी टीमों के बीच सर्वोत्तम तरीकों को विकसित करने के लिए राज्य और जिला स्तरों पर डीजीपी-आईजीपी सम्मेलनों के मॉडल को दोहराने का आह्वान किया.

20 जनवरी से शुरू हुआ था सम्मेलन

बयान में ये भी कहा गया कि प्रधानमंत्री न केवल सभी सूचनाओं को धैर्यपूर्वक सुनते हैं बल्कि स्वतंत्र और अनौपचारिक चर्चा को भी प्रोत्साहित करते हैं ताकि नए विचार सामने आ सकें. एक अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, सम्मेलन में पुलिसिंग और सुरक्षा के विषयों पर चर्चा शुरू हुई. ये तीन दिवसीय बैठक 20 जनवरी से शुरू हुई थी. प्रधानमंत्री ने विशिष्ट सेवा के लिए पुलिस पदक प्रदान कर सम्मेलन का समापन किया.

इन मुद्दों पर हुई चर्चा

ये सम्मेलन पुलिसिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों जैसे आतंकवाद और साइबर सुरक्षा पर केंद्रित था. सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री, गृह राज्य मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, केंद्रीय गृह सचिव, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीएसपी/आईजीएसपी और केंद्रीय पुलिस संगठनों/केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के प्रमुखों ने भी भाग लिया. बयान में कहा गया है कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न स्तरों के लगभग 600 और अधिकारियों ने सम्मेलन में भाग लिया.

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