पूर्वोत्तर राज्य के खोवई जिले में एक भाजपा कार्यकर्ता ने कथित तौर पर एक माकपा समर्थक की हत्या कर दी। पुलिस ने कहा कि घटना गैर-राजनीतिक थी।

त्रिपुरा में 16 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा की 15 से अधिक घटनाओं की सूचना मिली थी, जिसमें 20 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस ने रविवार को बताया कि द्वारिकापुर ग्राम पंचायत के पंचायत प्रधान से निजी रंजिश और झगड़े के बाद कृष्णा कमल दास ने शनिवार देर रात दिलीप शुक्ला दास (50) पर हमला कर दिया।

शुक्ला दास को हमले में गंभीर चोटें आईं और उन्हें सरकार द्वारा संचालित गोविंद बल्लभ पंत मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

पुलिस ने बाद में मीडिया को बताया कि घटना राजनीतिक प्रकृति की नहीं थी।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुख्य आरोपी कमल दास को गिरफ्तार कर लिया गया है।

इस बीच, माकपा त्रिपुरा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने कहा कि कमल दास ने शनिवार देर रात शुक्ला दास को अपने घर से बाहर बुलाया और उन पर हमला किया।

उन्होंने मीडिया से कहा, पुलिस ने हमें पीड़ित को अंतिम सम्मान नहीं देने दिया। त्रिपुरा में तालिबान की तरह शासन चल रहा है। पुलिस ने शुक्ला दास का शव उनके परिवार को नहीं देकर मानवाधिकारों का हनन किया है।

वामपंथी नेता के मुताबिक, 16 फरवरी के विधानसभा चुनाव के बाद खोवाई, पश्चिमी त्रिपुरा, दक्षिण त्रिपुरा, गोमती और सिपाहीउजाला जिलों में बड़ी संख्या में घटनाएं हुईं और सभी मामलों में भाजपा और उनके गुंडे शामिल थे।

भाजपा नेताओं ने वाम दलों की आलोचना करते हुए कहा कि माकपा गैर राजनीतिक घटना को लेकर राजनीति कर रही है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीब भट्टाचार्य ने मीडिया से कहा, कांग्रेस और माकपा हिंसक घटनाओं का आयोजन कर कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब करने की कोशिश कर रही हैं। भाजपा माकपा की गुंडागर्दी को बर्दाश्त नहीं करेगी।

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