नोएडा सेक्टर-62 स्थित फोर्टिस अस्पताल में डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने बुधवार रात हंगामा कर दिया। आरोप है कि पैर में चोट लगने के बाद मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने दिल का ऑपरेशन किया। इससे मरीज की मौत हो गई।

गाजियाबाद के बुजुर्ग दिनेश सक्सेना शनिवार रात बिस्तर से गिरे तो उनका पैर टूट गया। परिजनों ने फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने टूटे पैर का ऑपरेशन करने के बजाय मरीज की एंजियोग्राफी जांच के बाद एंजियोप्लास्टी की। जबकि मरीज की पहले से ही दो बार एंजियोप्लास्टी हो चुकी थी। पैर का ऑपरेशन ठीक समय पर नहीं हुआ। जिससे बुजुर्ग की मौत हो गई।

कोतवाली पुलिस ने यह बताया।

बुधवार को आनन-फानन में मरीज को मृत घोषित कर दिया गया। परिजनों का दावा है कि गलत ऑपरेशन के कारण मरीज की पहले ही मौत हो चुकी थी, लेकिन डॉक्टरों ने इसे छुपा कर रखा और शव सौंपने से इनकार कर दिया। कोतवाली पुलिस का कहना है कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

उधर, फोर्टिस अस्पताल के प्रबंधन का कहना है कि मरीज को हिप फ्रैक्चर की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें हृदय रोग, मधुमेह और सीओपीडी था। अन्य बीमारियों का इलाज पहले शुरू किया गया था।

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