देहरादून के भंडारी बाग में वृद्ध महिला कमलेश धवन(75) के घर लगे वाईफाई के टूटे कनेक्शन ने उनकी हत्या का राज खोल दिया। वाईफाई का कनेक्शन तीन फरवरी को 3.20 बजे टूटा था। इसी को पुलिस ने हत्या का समय मानते हुए सीसीटीवी फुटेज चेक की तो संदिग्ध एक बार फिर सीसीटीवी कैमरे में नजर आया। कनेक्शन टूटने के करीब 20 मिनट बाद वह घर के बाहर निकला था। इस तरह पुलिस ने सात दिन बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

दअरसल, चार मार्च को जब कमलेश का शव मिला तब माना जा रहा था कि रात के अंधेरे में हत्या की गई होगी। पुलिस ने जब सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की तो दो मार्च को शाम तीन बजे एक संदिग्ध घर की तरफ आया और 12 मिनट बाद उस रास्ते से बाहर आया। लेकिन, शव इतना भी पुराना नहीं लग रहा था कि हत्या दो मार्च को कर दी गई हो। इस बीच पुलिस को घर के अंदर वाईफाई का कनेक्शन टूटा हुआ मिला। पुलिस ने चेक किया तो पता चला कि लगभग शाम 3.20 बजे कनेक्शन बंद हुआ है। वाईफाई का राउटर डाइनिंग टेबल पर ही रखा था। इससे पुलिस ने अंदाजा लगाया कि कमलेश का जब गला रेता गया होगा तो उनका हाथ इस पर लग गया होगा।

पुलिस को यह सुराग मिला तो फिर से सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी गई। इससे पता चला कि जो व्यक्ति दो मार्च को इस रास्ते से गुजरा और फिर वापस आया वह तीन मार्च को भी करीब 3.10 बजे घर की तरफ आया। इसके बाद करीब 3.40 बजे घर के बाहर से निकलता दिखा। पुलिस ने हुलिए के आधार पर इसकी तस्दीक कर ली और शनिवार को महेंद्र सिंह मेहता पकड़ में आ गया और सारा राज उगल दिया।

पुलिस अंदर कर रही थी जांच, बाहर खड़ा था आरोपी

आरोपी महेंद्र ने तीन मार्च को हत्या की। पुलिस और स्थानीय लोगों को अगले दिन इसका पता चला। घर के बाहर मीडिया और स्थानीय लोगों की भीड़ लगी थी। इसी भीड़ में हत्यारोपी महेंद्र भी मौजूद था। वह सारा नजारा कूड़े के ढेर पर खड़े होकर देख रहा था। यही नहीं, अगले दिन यानी पांच मार्च को भी महेंद्र घर के बाहर आया। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर के मुताबिक, उसने पुलिस को बताया कि उसे पछतावा था और वह वृद्धा के परिजनों से इस बात को बताना चाहता था। लेकिन, हिम्मत नहीं कर पाया।

आरोपी के हाथ में भी है चाकू का घाव

एसएसपी ने बताया कि महेंद्र के पास सब्जी काटने वाला छोटा चाकू था। उसने जब महिला का गला रेता तो इसकी धार से महेंद्र का हाथ भी कट गया। इस पर उसने दो दिनों तक पट्टी कराई। लेकिन, अब घाव खुला है।

लाखों की उम्मीद थी लेकिन मिले 5000 रुपये

आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसे इस घर में लाखों रुपये मिलने की उम्मीद थी। यही लगा था कि वह आसानी से जेवरात आदि लूट लेगा। लेकिन, उसे बैग में रखे करीब 5000 रुपये ही मिले। इनमें कुछ सिक्के भी थे। जल्दबाजी में वह वहां से बाकी कुछ भी नहीं ले जा पाया। पुलिस ने वहां रखे सभी जेवरात को परिजनों को भी दिखाया है।

डीजीपी ने दिया था सात दिन का अल्टीमेटम

हत्याकांड के खुलासे का पुलिस पर खासा दबाव था। छह मार्च को डीजीपी ने खुलासे के लिए सात दिन का अल्टीमेटम भी दिया था। हालांकि, इस अल्टीमेटम का समय खत्म होने से पहले ही पुलिस को सफलता मिल गई। अब आईजी गढ़वाल रेंज ने खुलासा करने वाली टीम को 40 हजार रुपये और एसएसपी देहरादून ने 25 हजार रुपये नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।

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