लखनऊ। निवेशकों के करोड़ों रुपये हड़पकर भाग निकले शाइन सिटी इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य संचालक राशिद नसीम ने बड़ी चालाकी से उसके विरुद्ध साक्ष्यों को मिटाने व छिपाने का काम भी किया था। वर्ष 2018 में जब निवेशक शाइन सिटी संचालकों के विरुद्ध मुकदमे दर्ज करा रहे थे, उसी दौरान कंपनी के कई लैपटाप व मोबाइल फोन बछरावां (रायबरेली) के फार्म हाउस में छिपा दिए गए थे। आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने लंबी छानबीन के बाद उस फार्म हाउस को खोज ही निकाला।

जांच एजेंसी ने छापा मारकर फार्म हाउस के एक कमरे में छिपाकर रखे गए तीन लैपटाप, एक आइपैड व कई मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इसके अलावा कई दस्तावेज भी बरामद किये गए हैं। डीजी ईओडब्ल्यू आरके विश्वकर्मा के अनुसार बरामद सभी उपकरणों को परीक्षण के लिए फारेंसिक साइंस लैब भेजा गया है। इससे कंपनी संचालकों के विरुद्ध पुख्ता इलेक्ट्रानिक साक्ष्य भी जुटाए जा सकेंगे। इन उपकरणों के डाटा से शाइन सिटी द्वारा की गई ठगी की और परतें खुलेंगी।

ईओडब्ल्यू ने बछरावां में मेहताब के फार्म हाउस पर छापा मारा था। अधिकारियों का कहना है कि मेहताब शाइन सिटी के संचालकों से जुड़ा है। शाइन सिटी प्रकरण में उसके विरुद्ध कोई मुकदमा दर्ज है अथवा नहीं, इसका पता लगाया जा रहा है।

हाई कोर्ट ने शाइन सिटी मामले में आरोपितों के विरुद्ध इलेक्ट्रानिक साक्ष्य जुटाए जाने के भी निर्देश दिए थे। इसके बाद से जांच एजेंसियां कंपनी संचालकों द्वारा छिपाए गए इलेक्ट्रानिक उपकरणों के बारे में पता लगाने का प्रयास कर रही थीं। इन उपकरणों की जांच में शाइन सिटी संचालकों की कई अन्य संपत्तियों के बारे में भी जानकारी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट के निर्देश पर ईओडब्ल्यू, सीरियस फ्राड इंवेस्टीगेशन आफिस (एसएफआइओ) व ईडी मिलकर शाइन सिटी प्रकरण की जांच कर रहे हैं। बीते दिनों ईडी ने शाइन सिटी की कई संपत्तियों को जब्त भी किया था। उसके निशाने पर कंपनी संचालकों की डेढ़ सौ करोड़ रुपये की संपत्तियां हैं। मुख्य आरोपी राशिद नसीम नेपाल के रास्ते दुबई भाग निकला था और अब वहां बैठकर हीरों का कारोबार कर रहा है। जांच एजेंसियां उसके प्रत्यर्पण का प्रयास कर रही हैं।

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