मेरी आंखें भरी है, हर उस चीज के प्रति, जो सिर्फ देती है दिखाई, जिनमें नहीं होती भावनाओं का एहसासों की गहराई ! मेरा मन भरा है, हर उस चीज से, जो सिर्फ दिखती ही नहीं , महसूस भी होती है, दिल के एहसासों से भरे संवेदनशील कोने में! यदि तुम भी वही हो , जो महसूस कर सकते हो , और , महसूस किए जाते हो, तो तुम ही हो , वह , जिससे मेरा अंतर्मन भरा है…!
✍️डॉ स्वाति कशिश

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