केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस (Congress) के सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने फिल्म ‘दि केरेला स्टोरी’ (The Kerala Story) को लेकर कहा है कि यह फिल्म बनाने वालों की कहानी होगी, पर यह उनके केरल की कहानी नहीं है। यह टिप्पणी उन्होंने रविवार (30 अप्रैल, 2023) को माइक्रो ब्लॉगिंग मंच टि्वटर पर की, जिसके साथ उन्होंने इस फिल्म का पोस्टर भी शेयर किया था, जिसमें बुर्के में एक हैरान-परेशान महिला नजर आ रही थी।
थरूर के हैंडल से लिखा गया था, “हो सकता है कि यह ‘आपकी’ (बिना नाम लिए फिल्मकारों के संदर्भ में) केरला स्टोरी हो. यह ‘हमारी’ (केरल वासियों की असल) केरला स्टोरी नहीं है।” वैसे, थरूर के इस बयान पर सोशल मीडिया पर अलग-अलग तरह के रिएक्शंस देखने को मिले और इस दौरान कई लोगों ने इस दौरान उन्हें न सिर्फ आईना दिखाया बल्कि ट्रोल करने की कोशिश भी की।
सोशल मीडिया पर क्या बोले लोग?
@Randeep_Sisodia ने कमेंट किया, “यह न हमारी है और न आपकी है…यह केरल की कहानी है!!! अब आप उसका सामना कीजिए।” @HemanNamo के हैंडल से कहा गया, “हमें मालूम है कि आपको दिखता नहीं है, पर पूरा केरल इसे देख सकता है।” @__ichat ने तंज कसते हुए कहा कि आपकी स्टोरी सिर्फ एक सूबे तक सीमित थी, पर यह वैश्विक कहानी है। @sujitsingh ने आगे पूछा कि आप क्या सलाह दे रहे हैं, लोग फिल्म न देखें? अभिव्यक्ति की आजादी का क्या…यह सिर्फ एक फिल्म है। काहे सेंटी हो रहे हैं? @ramnivaskumar ने लिखा, “सहमत हूं। यह होटल लीला की सुनंदा की स्टोरी हो सकती है, पर यह शशि की कहानी नहीं है, जिन्होंने असल लीला की थी।”
The Kerala Story फिल्म में क्या है?
दरअसल, विपुल अमृतलाल शाह और सुदिप्तो सेन की यह फिल्म उस कहानी पर आधारित है, जिसमें 32 हजार महिलाओं को जबरन इस्लाम कबूल करा दिया गया था। सनशाइन पिक्चर्स के यूट्यूब हैंडल पर अपलोड किए गए दो मिनट 44 सेकेंड के ट्रेलर में दिखाया गया है कि कैसे केरल की कुछ हिंदू लड़कियां आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के जाल में फंस जाती हैं, जिसके बाद उन्हें कथित तौर पर जबरन इस्लाम में कन्वर्ट कराया जाता है। फिल्म में इस चीज को वैश्विक एजेंडा के तौर पर दिखाया गया है।