…यादों की उम्र शरीर से लंबी होती है, क्योंकि , शरीर तो नश्वर होता है , नष्ट हो जाता है ! पर यादें , यादें हमेशा रहती हैं … क्योंकि वो अमर होती है …! …तुम्हारा मेरी जिंदगी में आकर चले जाना, एक अजीब सा खालीपन भर गया है कान्हा…! जो शायद कभी, कहीं ,कोई नहीं भर सकेगा…! शायद इसे ही मृगतृष्णा कहते हैं कि जिसे चाहा,जिसे खोजा, उसे कभी नहीं पाया, बस भागते रहे उसके पीछे, इस आस में कि , वह सुगंध, कभी तो मुझ में समा जाएगी… !
✍️डॉ स्वाति कशिश
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