जावेद आलम

मुजफ्फरनगर

दो दशक तक क्राइम की दुनिया पर राज करने वाले कुख्यात विक्की त्यागी उर्फ विक्रांत त्यागी की 16 फरवरी 2015 को कोर्ट रूम में गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। विक्की त्यागी की हत्या के बाद गैंग की कमान उसकी पत्नी मीनू त्यागी ने संभाल ली थी। मीनू त्यागी हत्या के एक मामले में जिला जेल में उम्र कैद काट रही थी, लेकिन 1 साल पहले मीनू त्यागी का प्रशासनिक आधार पर जिला जेल से अंबेडकर नगर जेल स्थानांतरण किये जाने के बाद जिले में आपराधिक गतिविधियों का संचालन उसके बेटे अर्पित त्यागी और रक्षित त्यागी कर रहे थे। थाना चरथावल प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि 28 मार्च को इस गैंग के खिलाफ गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की थी। उन्होंने बताया कि विक्की त्यागी के बेटे रक्षित त्यागी ने आर्थिक लाभ अर्जित करने के लिए एक गैंग बनाकर अपराधिक गतिविधियां करना शुरू कर दिया था। उसके गैंग में भाई अर्पित त्यागी, रितिक और एक अन्य व्यक्ति विनोद था।उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले पंजाब के मोहाली से रितिक को गिरफ्तार कर लिया गया था। जबकि कल अर्पित त्यागी ने कल कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था।
एसएसपी संजीव सुमन ने फरार चल रहे विक्की के बेटे व एक अन्य की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित कर रखी थी।चरथावल थाना पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थी यही नही दो आरोपियों की।।

                 रक्षित त्यागी

गौरव
गिरफ्तारी के लिए देहरादून और पुलिस एनसीआर में दबिश दे रही थी आरोपियों एवं उनके संपर्क वाले लोगों के मोबाइल फोन की निगरानी की जा रही थी। पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए कुख्यात बदमाश विक्की त्यागी के पुत्र व गैंग लीडर रक्षित त्यागी ने अपने साथी गौरव पुत्र जितेंद्र के साथ कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया मुजफ्फरनगर एसएसपी के कुशल निर्देशन में चरथावल प्रभारी निरीक्षक राकेश शर्मा के नेतृत्व एक सप्ताह में ही गैंगस्टर में वांछित 1 गिरफ्तार तो वही गैंग लीडर सहित 3 अभियुक्त कोर्ट में सरेंडर कर जेल चले गए कुल मिलाकर चरथावल थाना प्रभारी राकेश शर्मा के नेतृत्व में दिल्ली एनसीआर एवं विभिन्न राज्यों में ताबड़तोड़ दबीशो के चलते कोर्ट में आरोपियों को आत्मसमर्पण पर मजबूर होना पड़ा

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