हाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्जहाईकोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने जारी किए आदेश, राजीव भरतरी ने फिर संभाला PCCF पद पर चार्ज

वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी राजीव भरतरी कोर्ट के आदेश के बाद प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) के पद पर चार्ज लेने मंगलवार को वन मुख्यालय पहुंचे, लेकिन अभी तक शासन ने उनकी नियुक्ति के आदेश जारी नहीं किए. वहीं, फॉरेस्ट हेड क्वार्टर में प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड के दफ्तर की चाबी को लेकर घमासान मचा हुआ है. ऑफिस स्टाफ ने राजीव भरतरी को दफ्तर की चाबी नहीं दी. जिसे लेकर राजीव और विनोद सिंघल के स्टाफ में बहसबाजी हो गई. फिलहाल राजीव भरतरी फॉरेस्ट हेडक्वार्टर में शासन के आदेश का वेट कर रहे हैं. कोर्ट में लड़ाई जीतकर आज करीब 16 महीने बाद उन्हें हॉफ पद पर चार्ज दिया जाना है.

राजीव भरतरी को बीते दिन ही नैनीताल हाईकोर्ट से राहत मिली है. कोर्ट ने 4 अप्रैल, मंगलवार यानी आज उन्हें प्रमुख वन संरक्षक का पदभार सौंपने के निर्देश दिए थे. दरअसल, पिछली भाजपा सरकार में राजीव भरतरी को वन मुखिया के पद से हटाया गया था. सरकार के आदेश के खिलाफ राजीव कोर्ट ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इससे पहले खुद को हॉफ पद से हटाए जाने के खिलाफ राजीव कैट के पास भी पहुंचे थे.

क्या है पूरा मामला? 

जानकारी के मुताबिक, राजीव भरतरी जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में पेड़ों के कटान की जांच कर रहे थे. 25 नवंबर 2021 को उनका तबादला प्रमुख वन संरक्षक (पीसीसीएफ) के पद से जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष पद पर कर दिया गया था. वहीं, विनोद सिंघल को नए पीसीसीएफ के तौर पर नियुक्त किया गया था. जिस पर उन्होंने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) का दरवाजा खटखटाया था और तबादले को चुनौती दी थी. कैट ने इस मामले में राजीव के हक के फैसला सुनाया. साथ ही राज्य सरकार को उन्हें तत्काल प्रभाव से बहाल करने के निर्देश दिए थे. कोर्ट के आदेश के बावजूद भी भरतरी को बहाल नहीं किया गया. बता दें कि राज्य में पीसीसीएफ वन विभाग का प्रमुख होता है, इनका चुनाव राज्य के मंत्रीमंडल द्वारा किया जाता है. यह पद पुलिस विभाग के प्रमुख के बराबर होता है.

भरतरी ने लगाए थे ये आरोप

भरतरी की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया कि कैट के आदेश के बाद भी विनोद सिंघल किस अधिकार से इस पद पर बने हैं. उन्होंने विनोद सिंघल को हटाये जाने की मांग करते हुए खुद को इस पद पर नियुक्त करने की मांग की थी. इस संबंध में उन्होंने सरकार को चार प्रत्यावेदन भी दिए लेकिन सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की. याचिका में यह भी आरोप लगाया गया था कि उनका ट्रांसफर राजनीतिक कारणों के चलते किया गया है, जो गलत है. साथ ही उनके सांविधानिक अधिकारों का उल्लंघन है. सोमवार को मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और जज आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई पर फैसला सुनाया. जानकारी के मुताबिक, कोर्ट के पूर्व के आदेश के खिलाफ विनोद सिंघल ने भी कैट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसे कैट ने खारिज कर दिया था.

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