मेरठ – 28 अगस्त 2022

विजित त्यागी

श्रीकांत त्यागी प्रकरण में नोएडा में हुई त्यागी महापंचायत में प्रशासन को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया था परंतु महापंचायत के तीसरे ही दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री के मेरठ दौरे को देखते हुए एक गुट द्वारा 26 अगस्त को मेरठ में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया गया ।

मिली जानकारी के अनुसार 25 अगस्त की रात्रि मेरठ प्रशासन का प्रतिनिधिमंडल धरने पर मौजूद व्यक्तियों से मिला और उन्हे कोई 5 नाम देकर मुख्यमंत्री से मुलाकात का प्रस्ताव दिया गया , जिसे मौके पर सिरे से नकार दिया गया, हालांकि धरने का उद्देश्य ही मुख्यमंत्री के समक्ष अपना रोष प्रकट करना था परंतु समझा जा रहा है की राजनीतिक कारणों के हावी होने के कारण मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी मांग रखने से बेहतर आंदोलन खींचना समझा गया।

कल दिनाँक 28 अगस्त को जहा एक ओर संयुक्त त्यागी स्वाभिमान मोर्चा ने सभी जिलों में बैठक कर आगामी रणनीति पर विचार किया जा रहा था , वही दूसरी ओर मेरठ धरने पर मुजफ्फरनगर से पहुंचे एक त्यागी समाज के प्रतिनिधि मंडल ने भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष मांगेराम त्यागी, गांव कुतुबपुर को सम्पूर्ण त्यागी समाज का मुखिया घोषित कर पगड़ी पहना दी , साथ ही साथ समाजवादी नेता दीपक त्यागी उर्फ बॉबी त्यागी का भी पगड़ी पहनाकर सम्मान किया गया।

इस घटनाक्रम के बाद सोशल मीडिया पर समर्थन और विरोध के स्वर उठने लगे और ये प्रदर्शित होना शुरू हो गया की त्यागी समाज के ही कुछ अवसरवादी लोगो ने अगली महापंचायत से पूर्व ही एक बड़ी खाई खोद दी है ।

हालांकि त्यागी समाज बुद्धिजीवी वर्ग माना जाता है और किसान आन्दोलन से इस कृषक समाज ने दूरी भी बनाई थी ।

समाज का एक बड़ा वर्ग अपना आंदोलन स्वयं लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है परंतु माना जा रहा है की अब भारतीय किसान यूनियन के नेता के सिर पगड़ी रख त्यागी समाज के ही अवसरवादी नेताओ ने अपना आंदोलन पूरी तरह से भारतीय किसान यूनियन को सौप दिया है और विपक्षी दलों से जुड़े समाज के नेताओ ने इस आंदोलन में अवसर ढूंढते हुए इस सारे घटनाक्रम में बड़ी भूमिका निभाई है।

 

लेखक स्वतंत्र पत्रकार है, ये लेखक के निजी विचार है।

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