उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले में अब तक एसटीएफ 26 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी हैं. इनमें UKSSSC स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामले में 25 और सचिवालय रक्षक भर्ती मामले में एक गिरफ्तारी एसटीएफ के द्वारा की गई है. जिसके बाद इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. सचिवालय रक्षक भर्ती का पेपर चोरी आयोग के भीतर से चोरी हुआ था.
 
आयोग से सचिवालय रक्षक भर्ती पेपर हुआ था चोरी
सचिवालय रक्षक भर्ती मामले में एसटीएफ की जांच तेज हो गई है. एसटीएफ ने इस मामले में पहली गिरफ्तारी की है. वहीं बड़ी बात ये है कि सचिवालय रक्षक भर्ती का पेपर कहीं और से नहीं बल्कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के भीतर से चोरी हुआ था. आउटसोर्स कंपनी आरआईएमएस के कर्मचारी प्रदीप पाल ने आयोग के भीतर से परीक्षा का प्रश्नपत्र पेन ड्राइव से चोरी किया था. इस पूरे प्रकरण में एसटीएफ को कई महत्वपूर्ण सीसीटीवी फुटेज भी मिले हैं.
आयोग की पारदर्शिता पर उठे सवाल
परीक्षा प्रिंटिंग की आउटसोर्स कंपनी के कर्मचारी आरोपी प्रदीप पाल आयोग के भीतर से पेन ड्राइव में सचिवालय रक्षक भर्ती का पेपर चोरी करके ले गया था और आयोग के लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगी. जिसके बाद आयोग के बड़े अधिकारियों की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े हो गये हैं. आयोग की पारदर्शिता के बीच कैसे एक कर्मचारी पेन ड्राइव पर परीक्षा का प्रश्नपत्र ले गया? अब एसटीएफ की जांच आगे बढ़ेगी तो इसमें कई बड़े नाम भी उजागर होने की उम्मीद है. क्योंकि एसटीएफ का कहना है कि आने वाले दिनों में कई और बड़ी गिरफ्तारियां होनी तय हैं.
RIMS कंपनी का मालिक गिरफ्तार, दो करोड़ की डील
स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा मामले में अभी तक एसटीएफ 25 लोगों की गिरफ्तारियां कर चुकी है. 22 जुलाई को परीक्षा लीक मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसके बाद परीक्षा धांधली के तार लगातार जुड़ते जा रहे हैं. इसी कड़ी में प्रिंटिंग प्रेस और परीक्षा की आउटसोर्स कंपनी आरआईएमएस के मालिक को भी एसटीएफ ने अरेस्ट कर दिया है. कंपनी का मालिक आरोपी राजेश ने दो करोड़ रुपयों में पेपर लीक करने की डील की थी. बताते चलें कि टेलीग्राम एप के माध्यम से ये पेपर लीक किया गया था. वहीं आने वाले दिनों में जल्द और बड़ी गिरफ्तारियां भी होने की बात एसटीएफ ने कही है.
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