टिकैत शब्द एक सशक्त अहिंसात्मक आंदोलनकारी विचारधारा का प्रतीक है..कमल मित्तल (किसान चिंतक एवं वरिष्ठ समाजसेवी)

किसान मसीहा चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की मृत्यु के उपरांत टिकैत शब्द अब एक सशक्त अहिंसात्मक आंदोलनकारी विचारधारा का प्रतीक बन गया है। अब टिकैत शब्द लगने के बाद आपके अंदर ऐसी सशक्त विचारधारा आ जाती है जिसके द्वारा आप अन्याय के विरुद्ध अहिंसात्मक आंदोलन चलाकर उसका विरोध कर सकते हैं और यह सिर्फ सिसौली ,मुजफ्फरनगर में नहीं बल्कि पूरे भारत में किसानों के साथ साथ अन्य मामलों में जहां किसी के साथ दुराचार हुआ है या कोई अन्य अत्याचार हुआ है या आपका शोषण हुआ है,उसके खिलाफ लड़ने का एक सिंबल बन गया है ।अब यह लड़ाई भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत लड़ रहे हैं या भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश जी इसका नेतृत्व कर रहे हैं या युवा नेता चौधरी गौरव टिकैत या आप स्वयं। यहां इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता लड़ाई लड़ने मे नेतृत्व किसका है ।एक सामान्य आदमी भी टिकैत शब्द का बैनर लगाकर उस लड़ाई में प्रमुखता के साथ अन्याय के विरुद्ध आवाज उठा सकता है ।
वर्तमान समय में लाखों लोग भाकियू एवं टिकैत परिवार से जुड़े हैं और जब वे किसी शोषित या पीडित व्यक्ति के लिए या किसी सामाजिक बुराई के खिलाफ या किसानों के शोषण के खिलाफ अहिंसात्मक आंदोलन शुरू करते हैं,वे सब टिकैत शब्द के साये में अपने आप को सुरक्षित पाते हैं।
देश में अनेकों किसान संगठन बने हैं,10-12 संगठन तो खुद भारतीय किसान यूनियन से ही निकले हैं। लेकिन जो अस्तित्व टिकैत शब्द से जुड़ी भारतीय किसान यूनियन का है वैसा चाह कर भी अन्य संगठनों का नहीं है। वही सालों तक दिल्ली बॉर्डर पर केंद्र सरकार को घेरने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा का नेतृत्व करने का सौभाग्य कहे या जरूरत , राकेश टिकैत ने हीं इस आंदोलन को नेतृत्व दिया है ।वही कौन बनेगा करोड़पति में सदी के महानायकअमिताभ बच्चन द्वारा पूछा गया सवाल भारत के सबसे चर्चित किसान नेता कौन है का जवाब राकेश टिकैत होना अपने आप में टिकैत शब्द की गरिमा को बताता है।

स्वतंत्र लेखक कमल मित्तल

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