तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और वहां के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर कहा है कि सनातन धर्म को खत्म करना होगा, जबकि उसको यह मालूम होना चाहिए कि भारत में सभी भारतियों का धर्म “सनातन धर्म” ही रहा है और भारत में जिन लोगो ने भी धर्म परिवर्तन किया है, उनका धर्म भी उनके धर्म परिवर्तन सनातन धर्म ही था। यह धर्म अनादि काल से चला आ रहा है। इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टी के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन के बयान पर इंडिया गठबंधन के नेताओं ने चुप्पी साध ली है।
सवाल यह है कि यदि इंडिया गठबंधन कल सत्ता में आता है और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की पार्टी डीएमके सनातन धर्म पर प्रतिबन्ध लगाने का प्रस्ताव लाती है, तो इंडिया गठबंधन के नेता उस प्रस्ताव को पास होने देगी।
विदेशी मुगल शासक औरंगजेब सन 1668 ई. में हिन्दू त्यौहारों पर बैन लगा दिया था। औरंगजेब ने बड़ी संख्या में मंदिर तुड़वाए, गैर-मुस्लिमों पर जजिया कर लगाया और लाखों हिंदुओं को जबरदस्ती मुसलमान बनने पर मजबूर किया था। औरंगजेब के द्वारा मंदिर तुड़वाने व गैर-मुस्लिमों पर जजिया कर लगाने के इस आदेश का जिक्र उनके दरबार से जुड़े लेखक साकी मुस्तैद खान ने अपनी किताब ‘मआसिर-ए-आलमगीरी’ के चैप्टर 12 में किया है।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और वहां के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने इससे आगे बढ़कर यह भी कहा है कि मैं आज, कल और हमेशा यही कहूंगा कि द्रविड़ भूमि से सनातन धर्म को रोकने का हमारा संकल्प बिल्कुल भी कम नहीं होगा। इंडिया गठबंधन बीजेपी पर आरोप लगाती है कि बीजेपी धर्म की राजनीति करती है, जबकि सच्चाई यह है कि इंडिया गठबंधन में शामिल दल मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करते है। यह बयान भी मुस्लिम तुष्टीकरण के तहत ही दिया गया लगता है। उदयनिधि स्टालिन पहले हिंदी भाषा के खिलाफ भी कई बार बयान दे चुके हैं।
इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों में अलग-अलग रंग के लोग हैं। कुछ लोग सिर्फ स्वार्थ के लिए इसमें हैं। आज यह देखने की जरूरत है कि इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों में कोई सजायाफ्ता है तो कोई सनातन धर्म को ही समाप्त करने की बात कर रहा है। हमारा देश भी देशद्रोहियों के कारण ही गुलाम हुआ था। अरबों व मुगलों के काल में जिन लोगों ने इस्लाम धर्म ग्रहण नहीं किया था, उन सबसे जजिया लिया जाता था, फिर वे मजबूरी में इस्लाम धर्म अपनाने को मजबूर हो जाते थे। अरबों ने गैर-मुस्लिमों पर अत्याचार किए थे।
भारत में हमें विकृत इतिहास पढाया गया है, इसलिए हम हिन् भावना के भी शिकार है। हमें यह इतिहास नहीं बताया गया कि भारत में चन्द्रगुप्त मौर्य का कार्यकाल सनातन धर्म का सर्वोत्तम कार्यकाल था। दुनिया को जितने चले सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस निकाटोर ने अपनी पुत्री हेलेन को चन्द्रगुप्त मौर्य को भेंट दी थी। झेलम तट पर सिकंदर को राजा पोरस ने बुरी तरह पराजित किया था, किन्तु भारत के इतिहासवेत्ता पोरस को हारा हुआ दिखाते हैं। इतिहास केवल अपने में घटनाओं को नहीं समेटे होता है, बल्कि इन घटनाओं से आप बहुत कुछ सीख सकते हैं।
देश में गुलामी के दिनों में विदेशी हमलावर शासकों ने हिन्दू समाज में फूट डालने के लिए अनेकों तरह से असमानता के बीज बोये थे। गुलामी स्वीकार करने वाले हिन्दुओं से, धर्म ग्रंथों की मनमानी व्याख्या करवा कर हिन्दुओं में हीनभावना और फूट डालने का काम किया था। हिन्दू धर्म ग्रथों को जलाना, मन्दिरों को तोडना, देवी-देवताओं के बारे में अपशब्द बोलना इनकी घृणित मानसिकता का प्रमाण रहा है। हिन्दुत्व का मूल्यांकन वेदों से और उसके मूलभूत सिद्धांतों से किया जाना चाहिए, ना कि गलत अनुगामियों से या मिथ्या कथाओं से, जो बाद में गढ़ ली गईं थी।
पिछले कई वर्षों में हिन्दुत्व को लेकर इंडिया गठबंधन में शामिल कुछ राजनीतिज्ञों व देश में तथाकथित कुछ संगठनों ने हिन्दू धर्म के लोगों को पूरी तरह से भ्रमित करने का प्रयास किया है, क्योकि वे जानते है कि भ्रमित समाज लक्ष्यहीन हो जाता है। और इस कृत्य से उनको लाभ होगा। सनातन धर्म और संस्कृति हमें “वसुधैव कुटुंबकम्” की भावना को सिखाता है ।
इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस और बाकी दलों को इस बयान पर अपना स्टैंड क्लीयर करना चाहिए। ये बयान दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी निंदा होनी चाहिए। और देश की जनता को समझना होगा कि हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा कोई दुश्मन है, तो वह वो है, जो स्वार्थ में हिन्दुओं के विरुद्ध बोलता है।
लेख-अशोक बालियान, चेयरमैन,पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन
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