उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल (Finance Minister Prem Chand Agarwal) ने बुधवार को राज्य विधानसभा (Uttarakhand Assembly) में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 77,407.08 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. यह चालू वित्त वर्ष के बजट के मुकाबले 18.05 प्रतिशत अधिक है.

बजट में शिक्षा के लिए 10,459 करोड़ रुपये, जोशीमठ भूधंसाव (Joshimath Landslide) राहत कार्यों के लिए 1,000 करोड़ रुपये और 300 मेगावॉट लखवाड परियोजना के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी में चल रहे सत्र के दौरान अपना दूसरा बजट पेश करते हुए अग्रवाल ने इस साल उत्तराखंड में होने वाली जी-20 (G-20) की तीन बैठकों के लिए भी 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.

बजट में अगले वित्त वर्ष में 57,057 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का अनुमान लगाया गया है, जबकि चालू वित्त वर्ष में राजस्व प्राप्ति 51,474 करोड़ रुपये रहने की संभावना है. बजट में कुल व्यय 77,407.08 करोड़ रुपये अनुमानित है जो पिछली बार के मुकाबले 18.05 फीसदी अधिक है. इस बार प्रदेश में राजस्व अधिशेष बजट पेश किया गया है जो 4,309 करोड रुपये है. बजट में राजकोषीय घाटा 9,046 करोड़ रुपये रहने का अनुमान रखा गया है. बजट में कर के अलावा अन्य स्रोतों से राजस्व 25,654 करोड रुपये अनुमानित है, जबकि 13,133 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है .

चारधाम यात्रा की सुविधाओं के लिए 10 करोड़

शिक्षा क्षेत्र को राज्य सरकार की प्राथमिकता बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए बजट में 10,459.55 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसमें उत्कृष्ट संकुल विद्यालय के लिए 51 करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल है. पर्यटन उद्योग को बढावा देने के लिए बजट में 302.04 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जिसमें टिहरी झील के विकास को लेकर 15 करोड़, पर्यटन अवस्थापना के लिए 60 करोड़ और आगामी चारधाम यात्रा की सुख-सुविधाओं के लिए 10 करोड़ की धनराशि रखी गयी है .

स्वास्थ्य विभाग के लिए 4,217 करोड़ रुपये

बजट में उद्योग विभाग के लिए 461.31 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें कार्यबल विकास के लिए 100 करोड़ रुपये दिए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग के लिए 4,217.87 करोड़ का प्रावधान किया गया है. ऊर्जा विभाग के लिए 1,251.33 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जिसमें 300 मेगावॉट बहुउददेशीय लखवाड परियोजना के लिए 500 करोड़ रुपये रखे गए हैं, जबकि देहरादून की बढती पेयजल मांग को देखते हुए सौंग नदी पर बांध निर्माण योजना के लिए 110 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.

कृषि विभाग के लिए 1,294.15 करोड़ रुपये

जोशीमठ तथा अन्य स्थानों में भू धंसाव या ऐसी ही अन्य समस्याओं के लिए राहत कार्यों हेतु 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. जी-20 सम्मेलन की बैठकों के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जबकि राज्य के विभिन्न विभागों के अवस्थापना कार्य हेतु 1,300 करोड़ रुपये दिए गए हैं. बजट में किसानों के अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान हेतु 215 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अतिरिक्त कृषि विभाग के लिए 1,294.15 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. करीब एक घंटे के अपने बजट भाषण की शुरूआत अग्रवाल ने गढ़वाली भाषा से की.

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