उमेश पाल हत्याकांड के पांच आरोपियों पर इनाम की राशि ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख कर दी गई है. आरोपियों में असद पुत्र अतीक अहमद निवासी चकिया, अरमान पुत्र समीम निवासी एमजी मार्ग, गुलाम पुत्र मकसूदन निवासी मेंहदौरी, गुड्डू मुस्लिम पुत्र शरीफ निवासी लाला की सराय और साबिर पुत्र नसीर निवासी मरियाडीह के नाम शामिल हैं. ये सभी प्रयागराज के रहने वाले हैं.

पूजा पाल की सुरक्षा की मांग वाली अर्जी मंजूर

उधर, राजू पाल हत्याकांड मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने गवाहों को सुरक्षा नहीं देने पर जवाब-तलब किया है. सोमवार को सुरक्षा के अभाव में एक गवाह पेश नहीं हो सका. अदालत ने राजू पाल की पत्नी पूजा पाल की सुरक्षा की मांग वाली अर्जी मंजूर कर ली और सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया है. उमेश पाल हत्याकांड के बाद पूजा पाल के घर पर दो पुलिसकर्मी पहले ही तैनात कर दिए गए थे.

गौरतलब है कि 25 जनवरी, 2005 को इलाहाबाद पश्चिमी से बसपा विधायक राजू पाल की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या की गई थी. साथ ही गोलीबारी में देवी पाल और संदीप यादव की भी मौत हो गई थी. मामले में पूजा पाल ने एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत आठ आरोपी हैं.

शूटरों को पकड़ने के लिए पुलिस छापेमारी कर रही

बता दें कि यूपी के प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी. इस वारदात में शामिल शूटरों को पकड़ने के लिए पुलिस और एसटीएफ दिन रात छापेमारी कर रही है. इस हत्याकांड को अंजाम देने में बाहुलबली अतीक अहमद के बेहद करीबी गुड्डू मुस्लिम का नाम भी सामने आया है. गुड्ड मुस्लिम बम बनाने में माहिर है और वो चलते-फिरते भी बम बना लेता है. उमेश पाल की हत्या के दौरान भी जमकर बमबाजी की गई थी, जिसमें बमबाज गुड्डू मुस्लिम का नाम सामने आया है.

कर्ज चुकाने के लिए गुड्डू ने खूनी खेल खेला था

अब रिपोर्ट सामने आई है कि अतीक अहमद का कर्ज चुकाने के लिए 24 फरवरी को गुड्डू मुस्लिम ने बमबाजी कर खूनी खेल खेला था. जानकारी के मुताबिक, कुछ समय पहले गुड्डू मुस्लिम बीमार पड़ गया था और उसकी जान पर बन आई थी. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उसकी जान बचाने के लिए अतीक अहमद ने उस वक्त 8 लाख रुपये खर्च किए थे जिसके बाद उसने उस एहसान को उतारने के लिए ही उमेश पाल की हत्या में बम बनाने का फैसला किया.

गुड्डू मुस्लिम का आपराधिक इतिहास

बमबाज गुड्डू मुस्लिम का अपराध और माफियों से संबंध का इतिहास काफी पुराना रहा है. साल 1997 में लखनऊ के लॉ मार्टिनियर कॉलेज में बॉयज हॉस्टल के वॉर्डन और स्पोर्ट्स टीचर पीटर गोम्स की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी.इसके बाद अतीक अहमद ने ही उसकी जमानत कराई थी. जमानत के बाद गुड्डू अतीक का गुर्गा बन गया. अतीक के साथ ही गुड्डू के कई माफियाओं से संबंध रहे हैं. यूपी ही नहीं उसके तार बिहार के कई माफियाओं से भी जुड़े.यूपी की राजधानी लखनऊ में टेंडर दिलवाने में भी वो माफियाओं की मदद करता था. इतना ही नहीं बसपा सरकार के दौरान इंजीनियर हत्याकांड में भी गुड्डू मोस्टवॉन्टेड था.

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