मणिपुर में दो समुदायों के बीच हिंसा में अब तक 54 लोगों की मौत हो गई. हिंसा प्रभावित इलाकों में भारी सुरक्षाबल अभी भी तैनात हैं. शनिवार को स्थिति कुछ सामान्य जरूर हुई है. हालांकि कर्फ्यू की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है. हिंसा से कभी किसी को लाभ नहीं हुआ. यहां पर राहत शिविरों में लोग रह रहे हैं. उनके सामने भी बड़ी समस्याएं हैं. यहां पर उतनी व्यवस्थाएं नहीं है. घरों में दुबके लोग मूलभूत चीजों के लिए तरस रहे हैं.

आज हिंसाग्रस्त मणिपुर के चुराचांदपुर में कर्फ्यू में तीन घंटे की ढील दी जाएगी. ताकि लोग दूध, अंडा, ब्रेड और भी जरुरी सामान खरीद सकें. केंद्र सरकार मणिपुर की स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए हैं. उधर मणिपुर सरकार ने भी सभी पार्टियों के साथ मीटिंग कर हालात पर सभी से सहयोग मांगा. आज सुबह सात बजे से 10 बजे तक धारा 144 में भी ढील दी जाएगी. हालांकि इस दौरान सुरक्षाबल पूरी तरह से मुस्तैद रहेंगे. अराजकतत्व कभी भी माहौल बिगाड़ सकते हैं.

SC पहुंचा मणिपुर हिंसा मामला

मणिपुर हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. मणिपुर ट्राइबल फोरम ने यह याचिका दाखिल की है. सीआपीएफ समेत केंद्रीय सुरक्षाबलों के जरिए मणिपुर में ट्राइबल्स को बचाने की मांग की गई है.

मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह ने अधिसूचना जारी की. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि चुराचांदपुर जिले में कानून व्यवस्था पटरी पर लौट रही है. हम सभी लोगों से शांति की अपील करते हैं और लगातार लोगों से बातचीत भी कर रहे हैं.

सीएम बीरेन ने बताया कि कर्फ्यू में आज थोड़ा ढील दी जाएगी ताकि लोग अपनी जरुरतों का सामान खरीद पाएं. तीन मई से यहां पर कर्फ्यू लगा हुआ है. रोजाना इस्तेमाल होने वाला सामान खत्म हो गया. घरों में जो छोटे बच्चे हैं उनको दूध चाहिए. लेकिन कर्फ्यू के कारण लोग बाहर नहीं निकल पा रहे. आज तीन घंटे छूट लोगों के लिए बड़ी राहत है.

हजारों लोगों को बचाया गया

यहां पर मेइती समुदाय बहुसंख्यक है. आदिवासियों से उनकी झड़प हो गई. हिंसा इतनी ज्यादा बढ़ गई कि कई घरों में आग लगा दी गई. गाड़िया फूंक दी गई. 54 लोगों की मौत तक हो गई. बढ़ती हुई हिंसा को देखते हुए केंद्र सरकार के पैरा फोर्सेस भेंजी. भारतीय सेना को भेजा गया.

इंडियन एयरफोर्स के विमान लोगों को बचाने में लगे हुए हैं. हजारों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है. जो तस्वीरें मणिपुर से आ रही हैं वो बहुत ही चिंताजनक हैं. लेकिन हालात धीरे-धीरे सुधर रहे हैं.

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