यमुनापुरम में जीटी रोड स्थित आयुर्वेद केंद्र पर आयुर्वेद की विश्व विख्यात सबसे पुरानी अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन का 116 वां स्थापना दिवस बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया ।
महासम्मेलन की स्थापना नासिक में गोदावरी नदी के तट पर हुई थी समता आयुर्वेद केंद्र पर इस अवसर पर समता आयुर्वेद केंद्र पर 3 दिन का निशुल्क आयुर्वेद चिकित्सा परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समता आयुर्वेद केंद्र पर एक विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसमें अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के केंद्रीय संगठन मंत्री एवं पंचकर्म तथा क्षार सूत्र चिकित्सा विशेषज्ञ वैद्य हितेश कौशिक ने बताया कि महासम्मेलन आयुर्वेद विधा एवं आयुर्वेद चिकित्सकों के हित में कार्य करने वाली सबसे पुरानी अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्था है महासम्मेलन के माध्यम से सीसीआरएएस का गठन किया गया ,एम्स आयुर्वेद की स्थापना में महासम्मेलन का बड़ा योगदान है ,आयुष विभाग के गठन में महासम्मेलन का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है इस प्रकार उन्होंने महासम्मेलन के कार्यों को विस्तार पूर्वक बताया ।उन्होंने कहा कि महासम्मेलन हमेशा आयुर्वेद चिकित्सकों के एवं आयुर्वेद विधा के लिए कार्यरत रहेगा। इस अवसर पर आयोजित निशुल्क चिकित्सा शिविर में 155 रोगियों की परीक्षा कर चिकित्सा की गई । जिसमें मुख्य रुप से हड्डी एवं जोड़ रोग के रोगी, पाइल्स के रोगी, सियाटिका के एवं माइग्रेन के रोगी रहे शिविर में रवि ,सुमन ,कांति का विशेष सहयोग रहा।

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