जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद से ही उत्तराखंड सरकार और केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर है. लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया है और पल-पल की स्थिति पर नजर रखी जा रही है. इस बीच बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जोशीमठ में जहां घरों और इमारतों में दरारें आई हैं, वहां रहने वाले लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं. चार धाम यात्रा भी चार महीने में शुरू हो जाएगी.

धामी ने कहा कि उन्हें पहाड़ी में उत्पन्न मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया गया है. जोशीमठ में 65-70 फीसदी लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं. पास के औली में सब कुछ सामान्य रूप से चल रहा है. पर्यटक अभी भी औली पहुंच रहे हैं. गृह मंत्री जी से जोशीमठ को लेकर बात की है. हमने पूरी जानकारी दी है. साथ ही पुनर्वास के जो कार्यक्रम होने हैं, उस पर भी बात हुई है. मैंने विस्तार से जानकारी दी है. गृह मंत्री ने केन्द्र सरकार की मदद का भरोसा दिलाया है.

उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा, जो जोशीमठ के माध्यम से गुजरती है, अगले चार महीनों में शुरू होगी. जोशीमठ की स्थिति से घबराने की जरूरत नहीं है और देश के अन्य हिस्सों में बैठे लोगों को इस पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. जोशीमठ में प्रभावित लोगों के राहत और पुनर्वास के लिए उठाए गए कदमों के बारे में उन्होंने गृह मंत्री को जानकारी दी है.

केंद्र हमें हर जरूरी मदद दे रहा- धामी

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने जोशीमठ में लोगों के लिए पुनर्वास पैकेज की मांग की है, उन्होंने कहा कि जोशीमठ का दौरा कर रही केंद्रीय टीम द्वारा अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद ऐसी चीजें सामने आएंगी. जो भी मदद की जरूरत है, केंद्र सरकार हमें दे रही है. हम पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बारे में जानकारी दे चुके हैं, वह खुद नियमित रूप से स्थिति की जानकारी ले रहे हैं.

बता दें कि रिपोर्टों में कहा गया है कि उत्तराखंड सरकार ने 207 प्रभावित परिवारों को विस्थापन के लिए अग्रिम के रूप में 3.10 करोड़ रुपये वितरित किए हैं, जबकि एक, दो और तीन बेडरूम वाले मॉडल प्री-फैब्रिकेटेड हट के निर्माण के लिए बागवानी विभाग से संबंधित जमीन चिन्हित की गई है.

जिन इमारतों में दरारें आ गई हैं उनकी संख्या बढ़कर 849 हो गई है और अब तक 250 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. जोशीमठ में 2,190 लोगों की क्षमता वाले कुल 615 कमरे और पीपलकोटी में 2,205 लोगों की क्षमता वाले 491 कमरों को अस्थाई राहत शिविर बनाया गया है.

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