देहरादून। विधानसभा से बर्खास्त बैकडोर भर्ती वाले कर्मचारियों की विशेष अनुमति याचिका सुप्रीम कोर्ट की डबल बैंच से भी खारिज हो गई है। वर्ष 2021 में भर्ती एक कर्मचारी ने बर्खास्त किए जाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट डबल बैंच के सामने चुनौती दी थी।

गत वर्ष उत्तराखंड में भर्ती विवाद सामने आने पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने 2016 के बाद बैकडोर से नियुक्त कर्मियों को बर्खास्त कर दिया था। इसमें 2021 में भर्ती 72 कर्मी भी शामिल थे। इसी में से एक कर्मी ने इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट की डबल बैंच में विशेष याचिका के जरिए चुनौती दी थी। इसकी सुनवाई शुक्रवार को हुई।

विधानसभा अध्यक्ष की ओर से जारी बयान में, विधानसभा सचिवालय के वकील अमित तिवारी के हवाले से बताया गया है कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में न्यायधीश हृषिकेश रॉय और न्यायधीश मनोज मिश्रा की डबल बैंच ने मात्र डेढ़ मिनट की सुनवाई में उक्त याचिका निरस्त कर दी है। इससे उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के लिए गए फैसले पर मुहर लग गई है। उन्होंने बताया कि इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट ने भी विधानसभा कर्मचारियों को बर्खास्त करने के विधानसभा सचिवालय के आदेश को सही ठहराया था।

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भविष्य में होंगी पारदर्शी तरीके से नियुक्ति

विधानासभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने बताया कि विधानसभा में भविष्य में रिक्त होने वाले पदों पर पारदर्शी तरीके से नियुक्ति के लिए नियमावली में संशोधन किया जा रहा है। उत्तराखंड विधानसभा अब सीधी भर्ती के सभी खाली पदों को उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से भरेगी। शासन ने भी इस पर सहमति जताते हुए, इसे वापस विधानसभा को लौटा दिया है। संशोधित नियमावली में विधायी को फिर से विधानसभा का प्रशासकीय विभाग बनाने का प्रावधान किया गया है।

2021 में भर्ती हुए एक कर्मी ने बर्खास्त करने के निर्णय को चुनौती दी थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट की डबल बैंच ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद खारिज कर दिया है। इससे हमारे निर्णय की वैधानिकता पर फिर मुहर लगी है। इससे पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट की सिंगल बैंच भी विधानसभा के निर्णय पर मुहर लगा चुकी है।

ऋतु खंडूडी, विधानसभा अध्यक्ष

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